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महत्त्व "नाम" का


 PART-3

महत्त्व "नाम" का 




 नाम सिर्फ सम्बोधन मात्र नहीं इसका अर्थ काफी गहन है | जीव मात्र का अस्तित्व इसपर टिका रहता है | यह हमारे अवचेतन मन तक अपना अस्तित्व बनाये रखता हैं | आप कितनी गहरी नींद में हो अगर आप को कोई आपके नाम से बुलाता है तो आप जग पड़ते हो | हजारो की भीड़ में अगर कोई आपको आपका नाम लेकर पुकारता हैं तो आप तुरंत प्रतिक्रिया देते हो | हम जो भी हमारे लिए महत्पूर्ण हैं उसे अपने नाम से जोड़ कर प्रतिष्ठा (प्रेस्टीज) अनुभव करते हैं | हमारे समाज ने नामकरण के लिए गहन अध्ययन किया ,यही विश्व भर मे भी हुआ | हमारे ईश्वर की विभिन्न नामो पर शिशु के नाम रखे गए ,प्रकृति के विभिन्न रूपों पर नाम रखे गए और हर नाम एक गहन अर्थ रखता हैं जैसे ईश्वर के विभिन्न नामो से बच्चो के नाम इस लिए रखे जाते हैं ताकि नाम पुकारने से ईश्वर को हम स्मरण कर पाए ,ईश्वरीय गुणों को शिशु आत्मसात करे ,पवित्रता का अहसास हो और अपने धरम के प्रति शिशु में निष्ठा प्रबल रहे | हमारे यहां वीरों के नाम  ,शहरों / गांवो के नाम,जातिओ के नाम,पशुओ के नाम भी अपने नाम के आगे लगाए जाते हैं | जैसे नरेश सिंह  आदि | 

विश्व में नाम के साथ प्रोफेशन ,शिक्षा  भी बताई जाती हैं जैसे मनोहर चतुर्वेदी, जॉन कारपेंटर आदि | समय के साथ भाषा साहित्य के विकास के साथ लोगो ने नाम के आगे उपनाम लगाने शुरू कर दिए ताकि जो उनका नाम जाने तो स्वभाव ,उनकी ललक भी जान पाए जैसे मान सिंह विद्रोही ,मनीष कुमार अलग समझे आप ? तो आप जान गए होंगे की नाम हमारे चेतना में किस कदर अंदर घुसा हुआ हैं | 

नाम के उच्चारण से हमें यह बात काफी हद तक पता चलती हैं की वोह मनुष्य किस धर्म का अनुयायी हैं ,परन्तु कुछ हद तक ही | हमने शब्दों के ज्ञान ,तत्पश्चात भाषा के ज्ञान से अपने आस-पास की हरेक अस्तित्व (एक्सिस्टेंस) का नामकरण किया ,इससे हमारे ज्ञान का चौमुखी विकास हुआ | विश्व के लोगो के बीच चाहे कितने मसलो पर कितने मतभेद हो पर भाषा /लैंग्वेज सब शिशु अवस्था से धर्म ,स्थान के हिसाब से एक ही सीखते हैं | क्योकि भाषा जानने के बाद ही तो मतभेद करने लायक बुद्धि परिपक़्व होती हैं ना ! समझ गए न आप ?

 मनुष्य के विकास में भाषा का और भाषा के बाद मनुष्य के नाम का अति महत्वपूर्ण स्थान हैं | नाम को अलग-अलग ढंग से प्राचीन काल से उपयोग हो रहा हैं | राजा अर्थात राज करने वाला राजा नाम से पुकारा जाने लगा आदि | आज के युग में राजा अलग-अलग नामो से जैसी व्यवस्था, उस नाम से पुकारा जाने लगा लोकतांत्रिक व्यवस्था में देश पर लोगो द्वारा चुना मानव, प्राइम -मिनिस्टर कहलाता हैं , और राष्ट्रपति /सुल्तान/डिक्टेटर आप सिर्फ नाम से समझ गए होंगे कौन कैसी शासन व्यवस्था चलाता होगा | 

यह हैं मित्रो नाम का प्रभाव | 

धन्यवाद | 

इति 

 




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