एशिया के हालात पार्ट 3
गतांग से आगे ....
ये सारी पावर्स अलग-अलग जगह अलग-अलग तरीके से एक दूसरे के साथ या अगेंस्ट लड़ रही हैं जैसे अगर अफगानिस्तान में देखेंगे तो इंडिया और चाइना कमोबेश एक दुसरे के साथ नहीं है और अपना वर्चस्व अफगानिस्तान पर जमाना चाहते है, यहाँ इंडिया एडवांटेज पोजीशन मे है क्योंकि भारत का इतिहास व्अफगानिस्तान का इतिहास है वोह एक दुसरे से जुड़ा है दूसरी बात है भाषा, हिंदी सिर्फ अफगानिस्तान ही नहीं पुरे सेंट्रल एशिया मे बोली और समझी जाती है |
अफगानी लोग अपने को भारत के नजदीक पाते है चीन के मुकाबले| सबसे बुरे हालात मे अब पाकिस्तान है | जब तालिबान ने अफगानिस्तान मे कब्ज़ा किया था तब “बेगानी शादी में अब्दुला दीवाना” कहावत को चरितार्थ करते हुए पाकिस्तान की अवाम ने खूब भंगड़ा डाला था और पाकिस्तान यह मान बैठा था की तालिबान उनके गुलाम की तरह कश्मीर उनके पैरो पर इंडिया से जीत कर डाल देगा|
इसराइल फोर्सेज |
पर हुआ बिलकुल उलट क्योंकि धूर्त पाकिस्तान यह भूल गया था की उसकी धूर्तता तालिबान अच्छी तरह जानता था| आज पाकिस्तान और अफगानिस्तान एक दुसरे के कट्टर दुश्मन है और भारत के तालिबान से रिश्ते सही है| आज भारत अफगानिस्तान की हर संभव सहायता कर रहा है| अफगान की जनता भारत से अथाह प्रेम करते है ,उसका कारण है की भारत हर मुश्किल में अफगानों के काम आया| चाहे शासन किसी का रहा हो भारत सदैव उनकी सहायता करता रहा; भारत ने वहां डैम,इंफ्रास्ट्रक्चर,रोड,खाधान्न आदि तरीको से वहां की जनता की काफी मदद की हैं|
जबकि पाकिस्तान ने सदेव अफगानों के खून से होली खेल कर अमेरिका से अरबो डॉलर कमाये है और यह बात हर अफगान जानता है ,तालिबान भी यह बात अच्छी तरह जानता है इस कारण पाकिस्तान के बार-बार बहकाने के बाबजुत तालिबान ने भारत से अच्छे संबंध बनाये और वोह पाकिस्तान पर कई बार हमला कर उनके कई सैनिको को मौत की नीद सुला चूका है |
ईरान के इजराइल पर अटैक सेलिब्रेट करती ईरान की जनता |
हाल ही मे पाकिस्तान ने तालिबान पर यह आरोप लगाया की पाकिस्तान की नीद हाराम करने वाली टीटीपी के चरमपंथी को तालिबान सहायता देता है| कारण वही है टी टी पी पश्तूनो की चरमपंथी संस्था है|जो पाकिस्तान मे पश्तूनो पर कई सालो के शोषण से जन्मी है और डूरंड लाइन को यह भी नहीं मानती और अफगान पश्तून और अन्य जातियों का उन्हें खुला सपोर्ट है और हाल मे पाकिस्तान के अफगानिस्तान पर एयर स्ट्राइक ने आग मे घी का काम किया और उसके बाद तालिबान ने पाकिस्तान को खतरनाक अंजाम भुगतने की धमकी दी और उसके बाद टीटीपी की इतनी स्ट्राइक पाकिस्तान पर हुई की पाकिस्तान के सैनिको की लाशो का अम्बार लग गया और पाकिस्तान जिस कायरता के लिए विख्यात है अपना वही गिरगिट वाला रंग पाकिस्तान ने दिखाया और द्वारा कोई एयर स्ट्राइक अफगानिस्तान पर नहीं की|
ईरान-इजराइल का मैप |
यहां ये अफगानिस्तान जो है यह भी पश्तून लोगों का ही मामला है अफगानिस्तान जो है यहां पर बड़ा हिस्सा पश्तून का है अब प्रॉब्लम हमें यहां पर यही समझनी पड़ेगी कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच का लड़ाई जो है वो और यह कभी भी खत्म ना होने वाली है|क्योंकि आधे पश्तून अफगानिस्तान के वासी है आधे पाकिस्तान के उन्हें बाट दिया दो देशो मे अंग्रेजो ने डूरंड लाइन खीच कर और यही कारण है की अफगानिस्तान डूरंड लाइन को नहीं मानता| इस मामले पर हर अफगानी जब अफगानिस्तान पर रजा का शासन था वोह भी,जब क्म्मुनिस्ट शासन था या अब तालिबान का शासन है ये भी डूरंड लाइन को नहीं मानते है लेकिन दो दोगले देश अमेरिका और पाकिस्तान इतनी सी बात नहीं समझ पा रहे है|
कृपया यह भी पढ़े ---एशिया के हालात पार्ट 2
कृपया यह भी पढ़े-- एशिया के हालात पार्ट 1
तालिबान को सपोर्ट इस टाइम पर अमेरिका कर रहा है आप यह अच्छी तरह जानते है की अमेरिका और तालिबान के बीच मे समझोता कट्टरपंथी देश क़तर ने करवाया था और आज के दिन क़तर चरमपंथियो का गढ़ बन चूका है| यह भी आप सब जानते होंगे की इजराएल और हमास के बीच जो खतरनाक लड़ाई चल रही है उसमे ईरान के साथ-साथ क़तर का बहुत बड़ा रोल है| हमास की टॉप लीडरशिप का ठिकाना क़तर ही है, वे क़तर में अपने आलीशान महलो में रहते है और बेचारे निर्दोष फिलिस्तीनी इजराएल की बम बर्षा की मार झेल रहे है |
शेष अगले अंक मे ....
कोई टिप्पणी नहीं