KAVITA- BADAL
बादल
घुमड़ -घुमड़ के
आये बादल ,
जल की बुँदे
लाये
बादल।
उपहार अमृत का
,देने
जीवन
को
,
सही समय पर
आये
बादल
|
नहीं भूलते,आते समय पर ,
नहीं इतराते ,नहीं डराते
,
उचित समय पर
प्यास धरती की
,
सदैव बुझाते काले बादल
|
पता उन्हें महतत्व बूंदो का ,
जिन्हे समेटा उसने अंदर
,
प्राण है ,वोह
जीवन का ,
नहीं भूलते कभी यह
बादल |
----राकेश
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