Poem-chetna
कविता
चेतना
chetna photo |
चेतना : जीवन का अङ्ग ,
मन -मस्तिष्क पर छाई हुई ,
देती विभिन कल्पनाओं को उड़ान |
मनुष्य प्रफुल्लित ,आनंदपूर्ण ,
उमंग से भरा हुआ ,
है केंद्रित उस चेतन आनंद में ,
डूबा ,खोया,मदमस्त ,मस्त ,
नशा गहरा ; भीतर से डुबाता ,हिचकोले दिलाता ,
भ्र्म में डालता ,करता मस्त मानव को ,
मानो इंगित करता ,देता संकेत ,
डूब जाओ ,इसमें तर कर ही मिलेगा ,
तुम्हे वह चेतन मन ,
जो होगा स्वस्थ ,आनंद से भरा ,विश्वास में डूबा ,
जो देगा आभास तुम्हे ,स्वर्ग का |
-राकेश
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