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अमरीका का खतरनाक खेल भाग 2



बांग्लादेश के साथ आसाम,मणिपुर और मिजोरम का बॉर्डर है| बांग्लादेश के साथ म्यानमार का जो हिस्सा कनेक्ट होता है इस हिस्से को रखाई प्रोविंस कहा जाता है यह रोहिंग्या मुसलमानों का गढ़ है| पहले मणिपुर के साथ यहां पर म्यानमार का एक अन्य राज्य कनेक्ट होता है जिसका नाम है काचिन राज्य है यह चाइना नहीं है |यह म्यानमार का हिस्सा है|

थोड़ा डेमोग्राफी को समझते हैं म्यानमार में मेजॉरिटी बुद्धिस्ट लोग रहते हैं और बांग्लादेश में मेजॉरिटी मुसलमान लोग रहते हैं, भारत के जो यह पूर्वोत्तर राज्य हैं इनमें बहुत से राज्यों की डेमोग्राफी बड़ी ही अजीब है| जैसे जो मिजोरम है यहां पर मेजॉरिटी ईसाई समुदाय के लोग रहते हैं| यह जो मणिपुर आपको दिखाई दे रहा है इस मणिपुर लगभग 40 पर क्रिश्चियंस रहते है|

आपको पता है की मैती जनजाति हिन्दू बाहुल्य है और कुकी और मैते जनजाति का जो संघर्ष चल रहा है उसमें जो कुकी जनजाति है वह क्रिश्चन बहुल्य है और जो यह काचिन राज्य है म्यानमार मे वहां यह क्रिश्चन ही यहां पर माइग्रेट होकर गए हुए हैं तो अब आप एक बार के लिए धर्म को समझने का प्रयास कीजिए इस क्षेत्र के अंदर कौन टिका हुआ है|


अमरीका का खतरनाक खेल भाग 2
चाइना-मयंमार (बर्मा) कॉरिडोर 

देखिए मिजोरम से कनेक्टेड है आसाम| आसाम में है उल्फा, उल्फा से इनको पुश कराया जाए कि तुम लोग अपना एक देश डिमांड करो यहां मणिपुर में कुकी है तो कुकी नेशनल फ्रंट इसको ही शॉर्ट फॉर्म में केएनएफ कहा जा रहा है यह जो कुकी नेशनल फ्रंट है इस कुकी नेशनल फ्रंट को ही अमेरिका यूज कर रहा है; बांग्लादेश में एक नया देश बनाने के लिए|

पर प्रश्न यह उठता है की अमेरिका क्यों चाहता है? बांग्लादेश तोड़ कर एक देश बनाना? इसके पीछे का कारण समझिए देखिए यह पूरा की पूरा जो क्षेत्र है अमेरिका का यहाँ कोई कंट्रोल नहीं है, दुनिया में लगभग 60 से 70 से ज्यादा देशों में अमेरिका के बेसेस बने हुए हैं जहां पर प्रॉपर तरीके से अमेरिकी फोर्सेस हैं; चाहे एयरफोर्स हो, चाहे नेवी हो चाहे आर्मी हो|

दुनिया पर कंट्रोल करने के लिए अमेरिका यही तरीका अपनाता है| वह उस पर्टिकुलर क्षेत्र में अपना बेस बनाकर छोड़ देता है| इस पूरे क्षेत्र में अमेरिका का कोई होल्ड नहीं है;; ना तो म्यानमार में अमेरिका की कोई रीच:ना बांग्लादेश में: ना भूटान में: ना नेपाल में यह पूरा क्षेत्र लेकिन है बड़ा सेंसिटिव है क्योंकि यहाँ चीन भी  है ; चाइना हमारे पूर्वोत्तर भारत से कनेक्ट होता है म्यानमार से कनेक्ट होता है भूटान से कनेक्ट होता है अमेरिका चाइना को अगर काउंटर करना चाहता है तो उसे यहां पर चीन को रोकना होगा ऐसा अमरीका सोच रखता है |

अब चीन को कैसे रोकें? ; जैसे आपको ध्यान हो तो भारत के उत्तर में से चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर निकला हुआ है यानि जिसे आप कहते हैं सीपैक|ऐसे ही चीन ने म्यानमार से होकर के सीमक बनाया हुआ है जिसे कहते हैं| चाइना म्यानमार इकोनॉमिक कॉरिडोर|


अमरीका का खतरनाक खेल भाग 2
चीन-म्यांमार कॉरिडोर 

चीन ने बंगाल की खाड़ी में आने का भी रास्ता निकलवा लिया; चाइना ने अरब सागर में आने का भी रास्ता बना लिया यानी चीन रहता पैसिफिक ओशियन में है साउथ चाइना सी पर कंट्रोल रखता है, लेकिन कनेक्टिविटी बंगाल की खाड़ी से और अरब सागर से उसने तैयार कर ली पर इस क्षेत्र में अमेरिका का कोई नियंत्रण नहीं है| चीन एक बहुत धूर्त देश है और अमेरिका भी|


अमरीका का खतरनाक खेल भाग 2
भारत-बांग्लादेश बॉर्डर 

अब जब अमेरिकी नियंत्रण नहीं है तो अमेरिका यहां नियंत्रण कैसे बढ़ाए तो वह चाहता है कि उसे इन क्षेत्रों में कोई आईलैंड मिल जाए यहां पर उसे एक आईलैंड की तलाश है जिसके लिए वह यहां के प्रधानमंत्रियों से पहले कह चुका है मतलब इस क्षेत्र के अंदर अमेरिका अपने स्तर पर इनसे एक आईलैंड की एक्सपेक्टेशन रखता है और उस आइलैंड के मिलने के बाद में अमेरिका इस पूरे क्षेत्र पर अपना नियंत्रण रख पाएगा ऐसी उसकी मंशा है यह सारी बात का निचोड़ है|


और यह बहुत #अमरीका का खतरनाक खेल# है और अगर भारत यहाँ का रीजनल पावर बनना चाहता है तो उसे इस खेल को बिगाड़ना पड़ेगा और सात-साथ धूर्त चीन और अमरीका  को भी उनकी  औकात बतानी पड़ेगी तभी भारत के पडोसी उसका लोहा मानेगे|

देखते है भविष्य के गर्भ मे क्या छिपा है|

इति |

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